IRFC Share Dividend

IRFC शेयर डिविडेंड: सरकार को बड़ा फायदा

IRFC (Indian Railway Finance Corporation), भारत सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी, ने मार्च तिमाही के नतीजों के साथ डिविडेंड बांटने का ऐलान किया है। कंपनी के बोर्ड ने प्रति शेयर 0.7 रुपये का डिविडेंड देने की सिफारिश की है। इससे पहले, कंपनी ने प्रति शेयर 0.8 रुपये का अंतरिम डिविडेंड दिया था। इस प्रकार, वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का कुल डिविडेंड 1.5 रुपये प्रति शेयर हो गया है।

Previous Dividends Record

IRFC ने जनवरी 2021 में शेयर बाजारों में लिस्टिंग के तुरंत बाद 1.05 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड दिया था। इसके बाद, वित्त वर्ष 2022 में कंपनी ने प्रति शेयर 1.5 रुपये का डिविडेंड दिया। इस वर्ष भी, कंपनी ने अपने निवेशकों के लिए डिविडेंड के रूप में कुल 1.5 रुपये प्रति शेयर देने की सिफारिश की है।

IRFC Share Dividend

Approval Awaited

डिविडेंड बांटने के फैसले पर अभी सालाना जनरल मीटिंग (AGM) के दौरान शेयरधारकों की मंजूरी लेना बाकी है। AGM की तारीख अभी तय नहीं हुई है। AGM में मंजूरी मिलने के बाद, डिविडेंड को 30 दिनों के भीतर शेयरधारकों को भुगतान किया जाएगा।

Government’s Major Stake

IRFC की सबसे बड़ी शेयरधारक केंद्र सरकार है। मार्च तिमाही तक, केंद्र सरकार के पास कंपनी में 86.36% हिस्सेदारी है। इस डिविडेंड ऐलान से केंद्र सरकार को करीब 790 करोड़ रुपये मिलेंगे। अगर 902 करोड़ रुपये के अंतरिम डिविडेंड को जोड़ दें तो, IRFC ने वित्त वर्ष 2024 में सरकार को कुल 1,700 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया है।

Fund Raising Plan

डिविडेंड के अलावा, IRFC के बोर्ड ने कंपनी को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार से 50,000 करोड़ रुपये तक के फंड जुटाने को भी मंजूरी दी है। इन फंड्स को टैक्स फ्री बॉन्ड्स, टैक्सेबल बॉन्ड, कैपिटल गेंस बॉन्ड, सरकारी गारंटी वाले बॉन्ड या किसी अन्य तरीके से जुटाया जाएगा।

Share Performance

IRFC के शेयर मंगलवार 21 मई को शुरुआती कारोबार में 3% से अधिक की छलांग लगाकर 179.05 रुपये के भाव पर पहुंच गए। इस साल अबतक, कंपनी के शेयरों में करीब 77% की तेजी आ चुकी है। पिछले एक साल में इस कंपनी ने 434.63% का शानदार मल्टीबैगर रिटर्न दिया है।

Market Cap and Valuation

मौजूदा बाजार भाव पर IRFC का मार्केट कैप 2.26 लाख करोड़ है, जो निफ्टी-50 में शामिल करीब एक तिहाई कंपनियों के मार्केट कैप से अधिक है। इसकी गिनती आज देश के सबसे अधिक मूल्यवान सरकारी कंपनियों में होती है।

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