Tata Group: असम में करने जा रहा ट्रिलियन डॉलर से सेमीकंडक्टर प्लांटकी शुरुआत
Tech Revolution
भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग का विकास न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के नए आयामों को भी खोलता है। मोदी सरकार द्वारा असम में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की सेमीकंडक्टर फैसिलिटी को मंजूरी देना, यह दर्शाता है कि भारत सेमीकंडक्टर चिप्स के वैश्विक उत्पादन में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनने की दिशा में अग्रसर है। 27,000 करोड़ रुपये का यह निवेश न केवल 27,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित करेगा, बल्कि AI, औद्योगिक और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में चिप्स की वैश्विक मांग को भी पूरा करेगा।

Global Impact
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की यह फैसिलिटी विशेष रूप से तीन प्रमुख तकनीकों – वायर बॉन्ड, फ्लिप चिप, और ISP पर केंद्रित होगी, जो ऑटोमोटिव, कम्यूनिकेशन, और नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। यह पहल न केवल भारत को एक वैश्विक सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित करने का उद्देश्य रखती है, बल्कि यह ग्लोबल सप्लाई चेन में लचीलापन और विश्वसनीयता भी प्रदान करेगी।
Strategic Location
जगिरोड फैसिलिटी का स्थान इसे विशेष रूप से महत्वपूर्ण बनाता है। यह न केवल पर्याप्त पानी और ग्रीन एनर्जी की उपलब्धता सुनिश्चित करता है, बल्कि ताइवान, मलेशिया, वियतनाम, और सिंगापुर जैसे देशों के करीब होने के कारण, सेमीकंडक्टर पैकेजिंग और टेस्टिंग के हब के रूप में इसकी पहुँच और महत्व बढ़ जाता है।
Economic Horizon
2030 तक ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, और भारत में सेमीकंडक्टर की मांग 110 अरब डॉलर तक पहुँच सकती है। इस परियोजना के माध्यम से, भारत न केवल ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान सुनिश्चित कर सकता है, बल्कि ग्लोबल सप्लाई चेन में जोखिमों को कम कर सकता है, जिससे विश्वसनीयता और लचीलापन में वृद्धि होगी।
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